दिल्ली-मुम्बई से लौटने के बाद, सीवान-छपरा भी जाएंगी निजी ट्रेनें
भविष्य में चलने वाली प्राइवेट ट्रेनें सिर्फ बड़े रूट पर ही नहीं चलेंगी। ले-ओवर पीरिडय (यार्ड में खड़े रहने के समय) में ऐसी ट्रेनों को छोटे-छोटे स्टेशनों पर चलाया जाएगा। प्राइवेट ट्रेनें दिल्ली, मुम्बई और बंगलूरू से लौटने के बाद सीवान-छपरा-नरकटियागंज रूट पर भी जाएंगी। इन छोटे स्टेशनों पर इन ट्रेनों को तब चलाया जाएगा जब ट्रेनें ले-ओवर पीरिडड के दौरान यार्ड में खड़ी रहेंगी। इसको लेकर बोर्ड में सहमति बन गई है। इस व्यवस्था को लेकर रेलवे बोर्ड में सभी जोन के अधिकारियों की बीते सप्ताह एक बैठक हुई थी। पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर मुख्यालय से भी दो अधिकारी बैठक में शामिल हुए थे। रेलवे बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि इस व्यवस्था को लेकर कवायद शुरू हो गई है और सभी जोन को इसके लिए तैयारी तेज करने के लिए कहा गया है। इस व्यवस्था से दो फायदा होगा। एक तो ट्रेनें बेवजह यार्ड में खड़ी नहीं रहेंगी और दूसरी ओर यात्रियों को छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों का और अधिक विकल्प मिल जाएगा।
दरअसल रेलवे बोर्ड ने अगले दो वर्षों में देश के 100 रेल रूटों पर 150 निजी ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। इनमें से तीन ट्रेने गोरखपुर को आवंटित हैं। ये तीन ट्रेनें बंगलूरू, मुम्बई और दिल्ली जाएंगी। रेलवे बोर्ड प्राइवेट ट्रेनों को चलाने के लिए एजेंसियों को आमंत्रित कर रहा है। फ्रेट कॉरीडोर शुरू होते ही ट्रैक से 40 फीसदी मालगाड़ियों का बोझ कम हो जाएगा। इस व्यवस्था से पैसेंजर लाइन पर अधिक संख्या में ट्रेनों के चलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
ऐसे मैनेज होगा ट्रेनों का संचलन
उदाहरण के तौर पर गोरखपुर से दिल्ली जाकर और गोरखपुर लौटी ट्रेन को अगर अगले 24 घंटे बाद दोबारा दिल्ली जाना है तो उस 24 घंटे के अंदर उस ट्रेन को छोटे स्टेशनों पर चला दिया जाएगा।
इन रूटों पर चलेंगी ट्रेनें
गोरखपुर से दिल्ली जाने वालों की भीड़ ज्यादा है। इसे देखते हुए एक ट्रेन गोरखपुर से दिल्ली, गोरखपुर से मुंबई, गोरखपुर से बंगलूरू रूट पर प्राइवेट ट्रेन