अब टेट्रा पैक और कांच की शीशी में भी मिलेगी देसी शराब
स्टिक के निस्तारण को लेकर आ रही दिक्कतों को देखते हुए आबकारी विभाग ने प्लास्टिक की बोतलों अंकुश लगाने का निर्णय लिया है। अब देसी शराब पेट बोतलों के साथ कांच की शीशी या फिर ट्रेटा पैक में भी उपलब्ध होगी। नए पैक में शराब की खेप 20 मार्च तक आने की उम्मीद है। अब शौकीनों को देसी शराब के लिए अधिक दाम भी देना होगा। 45 रुपये वाली शराब अब 50 रुपये में मिलने की संभावना है।
देसी शराब अभी तक प्लास्टिक की बोतलों और पाउच में आती है। शौकीन शराब का पीकर बोतल और पाउच इधर-उधर फेंक देते हैं जिसके निस्तारण में नगर निगम से लेकर नगर पंचायतों के सफाई कर्मचारियों को काफी दिक्कत होती है। नगर निगम ने रेलवे स्टेशन पर बॉटल क्रसिंग मशीन लगाई थी, उसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। प्लास्टिक की बोतलों को लेकर आ रही दिक्कतों को देखते हुए आबकारी विभाग ने नये सत्र से प्लास्टिक की बोतलों अंकुश लगाने का निर्णय लिया है। अब देसी शराब पेट बोतलों के साथ ही कांच की शीशी और ट्रेटा पैक में उपलब्ध होगी। नए साल में 20 मार्च तक शराब की खेप आ जाएगी। वर्तमान में जिले में देसी की 279, अंग्रेजी की 115, बियर की 107 और 12 मॉडल शाप हैं। इनमें सर्वाधिक खपत देसी शराब की है।
महीने में खाली होती है 80 से 90 लाख बोतल
देसी की 279 दुकानों पर रोजाना 2.50 से 3 लाख प्लास्टिक की बोतल खाली होती है। महीने में यह संख्या 80 से 90 लाख बोतल तक पहुंच जाती है। लाखों की संख्या में खाली होने वाली बोतलों का निस्तारण बड़ी समस्या है।
प्लास्टिक की बोतलों के निस्तारण में काफी दिक्कत होती है जिसे लेकर प्रदेश भर से शिकायतें आ रही थीं। मुख्यालय ने नये वित्तीय सत्र से ट्रेटा पैक या कांच की शीशी में देसी शराब लाने का निर्णय लिया है। धीरे-धीरे प्लास्टिक की बोतलों को चलन से बाहर किया जाएगा। इससे पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।
- वीपी सिंह, जिला आबकारी अधिकारी